सैनी समाज प्रतिनिधि मंडल एक पंजीकृत संगठन है। यह संगठन उत्तर प्रदेश सरकार सोसायटी पंजीकरण के तहत पंजीकृत है। जो लगातार समाज के लिए काम कर रहे हैं।
सैनी समाज प्रतिनिधि मंडल का मुख्य उद्देश्य उन छात्रों को सर्वोत्तम शिक्षा प्रदान करना है और प्रतियोगी परीक्षा सर्वश्रेष्ठ आना चाहते हैं और एक चमकते सितारे बनना चाहते हैं। साथ ही, हम अपने समुदाय की एकता के लिए काम करते हैं।
सैनी समुदाय के लोगों की मानसिक ,सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षमताओं में सुधार करना। सैनी समुदाय के लोगों को उनकी प्रगति के लिए एक मंच पर लाना और आम मुद्दों पर बैठकर चर्चा करना और हल करना।
सैनी परिवारों के जरूरतमंद बच्चों के शैक्षिक उत्थान के लिए काम करना और उन्हें मुफ्त नोटबुक, किताबें और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना। सामाजिक मूल्यों, पारस्परिक संबंधों, सांस्कृतिक मूल्यों के लिए काम करना जिससे समुदाय में एकता की भावना पैदा हो और मुद्दों को पुलिस थानों और अदालतों में ले जाने से रोका जा सके।
सैनी समुदाय को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागृत करना।
सैनी समुदाय के लोगों को उनकी बेहतरी के लिए एक मंच पर लाना और आम मुद्दों पर बैठकर चर्चा करना और हल करना।
क्षेत्र के विकास में योगदान देना और समाज के सभी वर्गों के लिए चिकित्सा शिविर आयोजित करना।
सैनी परिवारों के जरूरतमंद बच्चों के शैक्षिक उत्थान के लिए काम करना और उन्हें मुफ्त नोटबुक, किताबें और अन्य आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराना।
सैनी परिवार के विवाह-योग्य युवक व युवतियों का वैवाहिक सम्मेलन आयोजित करना।
सैनी परिवारों की लड़कियों के सशक्तिकरण के लिए काम करना और उनकी ज़रूरत में मदद करना।
प्राचीन समय के सबसे प्राचीन वंश मौर्य वंश के तीसरे राज्य अशोक मौर्य विश्वप्रसिद और सबसे शक्तिशाली राजाओं में से एक थे। सम्राट मौर्य ने 269 से 232 ई.पू तक शासन किया था। मौर्य वंश का यह राजा ही एक ऐसा राजा था जिसने अखंड भारत पर राज किया था। भारत में मौर्य वंश की नींव रखने वाले इस राजा ने भारत के उत्तर में हिन्दुकुश से लेकर गोदावरी नदी तक राज्य का विस्तार किया था इसके साथ ही उनका राज्य बांग्लादेश से लेकर पश्चिम में अफगानिस्तान और ईरान तक राज्य विस्तार था। सम्राट अशोक एक महान राजा होने के साथ धार्मिक सहिष्णु भी थे। वे बौद्ध धर्म के अनुयायी थे।
क्रवर्ती सम्राट अशोक का 304 ई.पू वर्तमान बिहार के पाटलिपुत्र में हुआ था। सम्राट बिन्दुसार के पुत्र और मौर्य वंश के तीसरे राजा के रूप में जाने गये थे। चन्द्रगुप्त मौर्य की तरह ही उनका पोता भी काफी शक्तिशाली था। पाटलिपुत्र नामक स्थान पर जन्म लेने के बाद उन्होंने अपने राज्य को पुरे अखंड भारतवर्ष में फेलाया और पुरे भारत पर एकछट राज किया।
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